तंबाकू का सेवन जान पर भारी

           तंबाकू का सेवन जान पर भारी



 'वर्ल्ड नो टोबैको डे' मनाया जाना बहुत अच्छी बात है । एक दिन तो कम से कम इस बुराई से दूर रहने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता है। लेकिन इस सच्चाई से कोई अंजान नहीं की इस दिन भी लोग जोकि टोबैको  सेवन के आदी हैं वह उसका सेवन अवश्य करेंगे।

तंबाकू का सेवन करना सेहत के लिए हानिकारक है इस बात से कोई अनजान नहीं है। तंबाकू व किसी भी नशीले पदार्थ के पैकटों पर साफ साफ लिखा होता है कि इसका सेवन सेहत के लिए हानिकारक व जानलेवा है। यह जानते हुए भी, पढ़ते हुए भी लोग इसका सेवन करते हैं क्योंकि वह अपनी आदत से मजबूर हो जाते हैं। वह समझ ही नहीं पाते हैं कि कब इस  खतरनाक लत के आदी हो चुके होते हैं।  धूम्रपान, तंबाकू एक धीमा जहर है। जो लोगों को मौत के घाट उतार देता है। तंबाकू इंसान का वह दुश्मन होती है जो उसके अंदर तक जाकर उसे खत्म कर देती है। फिर भी लोग जाने-अनजाने इस बुरी आदत को अपना लेते हैं। वह  इसका सेवन आनंद लेने के लिए शुरू करते हैं और आनंद कब आदत में परिवर्तित हो जाता है यह उनको भी नहीं पता चलता है ।  फिर धीमे-धीमे उन्हें इस जहर की लत लग जाती है। 

तंबाकू का सेवन करने के मुख्य कारण ः


कहते हैं कोई बच्चा मां के पेट से सीख के नहीं आता है। यह बात सही है वैसे ही अगर लोग यह कहते हैं कि यह हमारी आदत है तो वह गलत है क्योंकि आदत वह मानी जा सकती है जो हमें बचपन से लग जाती है। लेकिन लगभग लोग धूम्रपान व तंबाकू का सेवन युवावस्था में ही शुरू करते हैं। इसकी आदत लोगों को युवावस्था में  हीे लगती है। अधिकतर युवा दूसरों की देखा देखी, तो कभी दोस्तों की जबरदस्ती में इसका सेवन  शुरू करते हैं। वहीं कुछ लोग अपने आप को उम्र से बड़ा दिखाने के लिए, बड़े लोगों की संगत में जाने के लिए इस बुरी लत के आदी हो जाते हैं। इस आदत का कारण एक और भी है जब लोग अपने फिल्मी हीरो को फिल्मों में धूम्रपान करते, नशीले पदार्थों का सेवन करते देखते हैं, तो उनके जैसा बनने के लिए वह भी उनका अनुसरण करते हैं। वहीं  अक्सर यह भी देखा गया है की कॉलेज लाइफ में युवक व युवतियां तंबाकू, धूम्रपान, अल्कोहल के सेवन को स्टेटस सिंबल मानते हैं जिसके कारण वह इस आदत को अपना अपनी जिंदगी में शामिल कर लेते हैं। अब तो आलम यह है कि महिलाएं भी अपने आपको मॉडर्न दिखाने के लिए इस प्रकार के नशे का सेवन करने लगी है। साथ ही बढ़ते समय के साथ बच्चे भी इसकी आदत के आदी होते दिख रहे

पहले तो लोग सिर्फ एक शौक के लिए इस बुरी लत को अपनाते हैं। बाद में कब उनका यह शौक उनकी आदत और कब उनकी आदत उनकी लत में बदल जाती है, यह वह खुद भी नहीं जान पाते हैं। उन्हें भनक भी नहीं लग पाती कि कब यह उनकी जिंदगी का हिस्सा बन उन को अंदर ही अंदर खोखला करना शुरू कर देती है।  यह जानते हुए भी कि तंबाकू का सेवन उनकी सेहत के लिए कितना हानिकारक है, वह उनकी जान का खतरा बन सकता है लोग इसका सेवन करने से नहीं चूकते हैं।

तंबाकू के प्रकार ः


तंबाकू सेवन के कई रुप हैं जैसे कुछ लोग सिगरेट, बीड़ी, हुक्के या चिलम का सेवन करते हैं। वहीं कुछ लोग गुटखा, जर्दा, खैनी आदि के जरिए इस जहर को अपने अंदर तक जाने का रास्ता देते हैं। आनंद प्राप्ति के लिए शुरू की गई यह प्रक्रिया कब उनकी मजबूरी बन जाती है इस बात का अंदाजा वह खुद भी नहीं लगा सकते हैं। वह जब तक समझते हैं तब तक कई बीमारियों से ग्रस्त हो चुके होते हैं। इसके सेवन से वह सिर्फ अपना ही नहीं बल्कि अपने से जुड़े अन्य लोगों का जीवन भी बर्बाद करते हैं। 


तंबाकू का सेवन करने के दुष्परिणाम
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तम्बाकू में सबसे भयानक तत्व निकोटीन होता है। इसके अलावा और भी ऐसे बहुत से तत्व पाए जाते हैं जिनसे कैंसर जैसी बीमारियां उत्पन्न होती है। तंबाकू में हजारों किस्म के जहर होते हैं, जो कि इंसान को हर पल मौत की खाई की ओर धकेलते हैं। तंबाकू खाने से मुंह, गला, श्वास नली फेंफड़ों में कैंसर होने की संभावना बनी रहती है। वहीं इसकी वजह से दिल की बीमारियां, उच्च रक्तचाप, एसिडिटी, अनिद्रा और भी कई अन्य भयानक बीमारियों का सामना करना पड़ता है।

तंबाकू से जुड़े हैरान करने वाले आंकड़े ः


तंबाकू के सेवन से सवा छह सेकेंड में एक मौत होती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की 2015-16 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रतिदिन 5500 से अधिक युवा इस बुरी आदत को अपनाते हैं। साथ ही 3500 से अधिक लोग प्रतिदिन इसकी वजह से अपने जीवन से हाथ धो बैठते हैं। कैंसर पीड़ित रोगियों में 100 में से 40 को तंबाकू के कारण कैंसर होता है।  तंबाकू के सेवन करने वालों में प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है। प्रतिवर्ष इनमें 22 % लोग बढ़ रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अधिक तंबाकू उत्पाद के प्रयोग से युवाओं में मनोदैहिक रोग बढ़ रहे हैं। जबकि भारत में प्रति 3 लाख आबादी पर एक मनोचिकित्सक है और 16 लाख कैंसर रोगियों की तुलना में केवल 1% ही डॉक्टर उपलब्ध है। तंबाकू व धूम्रपान के सेवन की वजह से 90% फेफड़े के कैंसर, 30% अन्य प्रकार के कैंसर,  80% ब्रोंकाइटिस, इन्फिसिमा एवं 20 से 25% घातक ह्रदय रोगों का कारण धूम्रपान है।
     इनके आंकड़ों के अनुसार तंबाकू व नशीले पदार्थों के सेवन की वजह से विश्व में प्रतिवर्ष 40 लाख से अधिक लोग मौत का शिकार होते हैं। वहीं भारत में भी लगभग 8 लाख से ज्यादा लोगों की मौत तंबाकू खाने व धूम्रपान करने की वजह से होती है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2030 तक धूम्रपान से मरने वालों की संख्या 83 लाख हो जाएगी। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार 5 से 10 सिगरेट पीने वाले व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने की आशंका दोगुना ज्यादा बढ़ जाती है। सिगरेट का एक कश जिंदगी के 5 मिनट को कम कर देता है।

       अगर इन आंकड़ों पर ध्यान दिया जाए तो निश्चित ही यह विचलित करने वाले हैं। यह जानते हुए भी की यह आदत हमें किस दिशा की ओर ले जाएगी, लोग इसे अपनाने से नहीं चूकते हैं। बल्कि इन का सेवन करने  वाले लोगों में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है। इसके लिए निश्चित ही सरकार को कुछ उचित कदम उठाने चाहिए ताकि तंबाकू खाने का नशा करने वालों की संख्या पर काबू पाया जा सके इसके लिए एक नियंत्रण रेखा स्थापित करना आवश्यक है। 

इसकी रोकथाम के लिए केवल सरकार के कार्य करने से कुछ नहीं होगा बल्कि इसके प्रति लोगों का जागरूक होना भी उतना ही आवश्यक है। जितना कि सरकार के लिए इसकी रोकथाम करना। जब तक लोग अपने आप में जागरुक नहीं होंगे यह नहीं समझेंगे कि यह आदत सिर्फ उनके लिए ही नहीं बल्कि उनके परिवार वालों के लिए भी घातक है तब तक  लोगों के लिए इससे छुटकारा पाना नामुमकिन है।  यह समझना बहुत जरूरी है कि परिवार की सुख समृद्धि बनी रहे इसके लिए इस आदत को ना उन्हें खुद ही कहना पड़ेगा।

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