मां की लाखों दुआओं में एक
दुआ होती हैं बेटियां
कोख का उसकी अनमोल
तोहफा होती हैं बेटियां
पैदा होते ही मोह के बंधन
बांधने लगती हैं बेटियां
मां बाप की आंखो में सपने बन
जीने लगती हैं बेटियां
बचपन में बाबुल के आंगन की
खुशहाली होती हैं बेटियां
ब्याह कर दूसरे आंगन की
तुलसी बनती हैं बेटियां
अब तक जो भाई बहन से
लड़ती रहती हैं बेटियां
वही ननद देवर को भाभी बन
समझाने लगती हैं बेटियां
बड़ी होते-होते पराई
होने लगती हैं बेटियां
जीवन के नए बंधनों को
संजोने लगती हैं बेटियां
दुनिया की रीत को न
समझ पाती हैं बेटियां
सच है इतना यही कि
पराया धन होती हैं बेटियां
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