घटती मानवीय संवेदना

नौबस्ता क्षेत्र के बसंत विहार में मासूम बच्ची का क्षत विक्षत शव मिलने के बाद मानवता पर एक बार फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं। इस वारदात के बाद कुछ ऐसे सवाल उत्पन्न हो रहे हैं जिनके जवाबदेह पुलिस और प्रशासन दोनों ही हैं। जैसे की यह प्रदेश में कैसा जंगलराज है जो कानून व्यवस्था को ताक पर रखकर कोई भी गुनाह करने के पहले एक बार भी नहीं सोचता है। क्योंकि यह प्रदेश में घटित कोई पहली घटना नहीं है इसके पहले भी शिवम व करन महेश्वरी का हत्याकांड भी सामने आया था। जिसने मानवता को तार तार कर दिया था। प्रदेश में बार बार हो रही ऐसी वारदातों के साथ ही यह भी सोचने वाली बात है कि क्या आज इंसान किसी दूसरे इंसान पर भरोसा कर भी सकता है। इसका उत्तर तो हर कोई दे सकता है। आखिर हत्यारों को किसी भी कानून का डर क्यों नहीं है इसमें दोष तो कानून व्यवस्था का ही है। प्रशासन को कुछ ऐसा करना चाहिए की लोगों में डर उत्पन्न हो और ऐसी वारदात दोबारा न हो। अब देखने वाली बात ये भी है की यह अपराधी पुलिस की गिरफ्त में कब तक आते हैं।  इस मासूम बच्ची के हत्यारों को जल्द से जल्द पकड़ कर उन्हें सख्त सजा देनी चाहिए ताकि लोग अपराध करने से पहले सौ बार सोचें। और दोबारा प्रदेश में ऐसी कोई घटना सामने न आए।

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