क्रिकेट से जुड़े अपराधों के लिए आईसीसी का सख्त होना जरूरी


क्रिकेट से जुड़े अपराधों के लिए आईसीसी का सख्त होना जरूरी

भारत देश में अगर खेल की बात करें तो क्रिकेट सबसे लोकप्रिय खेल है। यहां पर लोग क्रिकेट प्लेयर्स के फैन ही नहीं हैं , बल्कि उन्हें पूजते भी हैं। हालांकि क्रिकेट को लेकर उत्साह किसी एक देश तक सीमित नहीं है। भारत की ही तरह ऑस्ट्रेलिया में भी क्रिकेट सबसे लोकप्रिय खेल है। लेकिन हालही में सामने आए बॉल टेंपरिंग के मामले से क्रिकेट जगत में हड़कंप मच गया है। इस घटना ने क्रिकेट के प्रति लोगों के विश्वास को भी चोंट पहुंचाई है।

खेल चाहें कोई भी हो उसके लिए यह जरूरी है कि खिलाड़ी उसे निष्पक्ष रूप से खेले क्योंकि उनपर दर्शकों का पूरा भरोसा टिका होता है। यदि ऐसा नहीं होता है तो ये दर्शकों और उसके प्रशंसकों के साथ विश्वासघात होगा। वहीं दर्शकों के साथ कुछ ऐसा ही विश्वासघात ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों ने बॉल टेंपरिंग कर किया है। दक्षिण अफ्रिका और ऑस्ट्रेलिया के मध्य टेस्ट मेच के दौरान बॉल के साथ छेड़छाड़ की जाने की घटना सामने आई थी। जिसके जिम्मेदार टीम के कप्तान स्टिव स्मिथ, उपकप्तान डेविड वार्नर व खिलाड़ी केमरन बेनक्रॉफ्ट निकले थे। खेल के दौरान बेनक्रॉफ्ट ने बॉल को टेप से रगड़कर उसके साथ छेड़छाड़ की थी। इस आरोप के बाद  स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। साथ ही कप्तान स्मिथ ने यह माना भी कि इसमें  उनकी टीम शामिल थी । इस घटना ने क्रिकेट प्रेमियों के दिलों को आघात पहुंचाया है। चूंकि दर्शक पूरे विश्वास के साथ खेल को देखते हैं उनके लिए खेल रहे खिलाड़ी उनके ऑयडल होते हैं,  तो इस घटना से उनका नाराज होना भी स्वाभाविक है।

बॉल टेंपरिंग की घटना की वजह से ऑस्ट्रेलिया टीम की साख पर बट्टा लगा है। खिलाड़ियों के इस कृत्य की वजह से वह फैंस की नजर में विलेन बन गए हैं। और ऐसा हो भी क्यूं न आखिर उनकी वजह से क्रिकेट प्रेमियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। हालांकि कप्तान स्टिव स्मिथ ने अपनी गलती को स्वीकारते हुए ट्वीट कर फैंस से माफी भी मांगी है। लेकिन इससे वह उनके टूटे विश्वास को नहीं जोड़ा जा सकता है।

वहीं इस मामले के लिए जिम्मेदार सभी खिलाड़ियों  के लिए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने सजा निर्धारित कर एक उदाहरण पेश किया है। इससे उन्होंने सभी को चेताया है कि भविष्य में यदि कोई ऐसी कोई भी घटना को अंजाम देता है तो वह भी सजा का पात्र होगा। और ऐसा किया जाना भी जरूरी था ताकि दोबारा कोई ऐसी गुस्ताखी न करे।

सीए ने बॉल टेंपरिंग करने पर कप्तान स्टिव स्मिथ और उपकप्तान डेविड वार्नर को सजा के रूप में पूरे एक साल के लिए बैन लगाया गया है। वहीं गेंद से छेड़छाडं करते पाए गए केमरन बेनक्राफ्ट को नौ महीनों के लिए प्रतिबंधित किया है। सजा के अनुसार इन तीनों पर प्रतिबंध की अवधि के दौरान अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट खेलने पर प्रतिबंध रहेगा। लेकिन अपनी फिटनेस और मैच प्रैक्टिस को बनाए रखने के लिए इन्हें क्लब क्रिकेट खेलने की अनुमति दि गई है।इसके साथ ही इनको प्रतिबंध के खिलाफ अपील करने के लिए सात दिन का समय भी दिया गया है। वहीं इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने तीनों खिलाड़ियों पर एक मैच को बैन लगाया है। साथ ही स्मिथ, वार्नर पर मैच का 100 फीसदी और बेनक्राफ्ट पर 75 फीसदी जुर्माना लगाया है। वहीं दो साल का बैन झेलने के बाद राजस्थान रॉयल्स आईपीएल में वापसी कर रही है, जिसकी कप्तानी स्टिव स्मिथ को मिली थी। लेकिन बॉल टेंपरिंग विवाद के चलते उन्हें इससे भी हाथ धोना पड़ा।

क्रिकेट की दुनिया में आए बॉल टेंपरिंग के तूफान के बाद आखिरकार आईसीसी भी अब कड़ा रुख इख्तियार करने जा रही है। आईसीसी ने अब क्रिकेटरों को सजा देने के नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है।खबरों के मुताबिक आईसीसी के मुख्य कार्यकारी डेव रिचर्डसन ने तमाम बोर्ड्स को चिट्ठी लिखकर कर जल्द क्रिकेट कमेटी की मीटिंग बुला नियमों में बदलाव करने की बात कही है। इसमें मौजूदा और पुराने क्रिकेटर्स को भी शामिल किया जाएगा।

टेस्ट क्रिकेट के 141 साल पुराने इतिहास में यह पहली बार होगा जब इस तरह की मीटिंग बुलाई जाएगी। बॉल टेंपरिंग को आईसीसी के कोड ऑफ कंडक्ट में लेवल टू का अपराध माना जाता है। वहीं अब वह इसे और अधिक गंभीर अपराध की श्रेणी में शामिल करने पर विचार कर रही है ताकि इसमें शामिल क्रिकेटर्स के लेए कड़ी सजा निर्धारित की जा सके। क्रिकेट को लेकर अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं। इसीलिए समय रहते इसके लिए आईसीसी का सख्त होना जरूरी है। ताकि अक्सर फैंस के विश्वास के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोका जा सके।










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