सरहद पर अगर ना होता जवान

सरहद पर अगर ना होता जवान
सोचो क्या होता देश का अंजाम,
ऐसे में जवान पूछे बस यही सवाल
कौन आएगा फिर इस देश के काम...

भले करें ना करें कोई इनका ख्याल
फिर भी बने रहते ये देश की ढाल,
ऐसे में जवान पूछे बस यही सवाल
वो ना हो तो क्या हो इस देश का हाल...

सदा बना रहे देश का सम्मान
इसके लिए दे देते वे अपनी जान,
ऐसे में जवान पूछे बस यही सवाल
क्या यह भूलना है अासान...

अपनों के लिए अपनों से हैं  दूर
सब कुछ सहने को हैं मजबूर,
ऐसे में जवान पूछे बस यही सवाल
अपमान के क्यों पीने पड़ते  हैं घूंट...

शरहद पर दुश्मन को देते हैं मात
चाहे जितने भी मुश्किल हों हालात
ऐसे में जवान पूछे बस यही सवाल
आखिर कौन कौन देगा हमारा साथ...

आए हैं आते रहेंगे,जान अपनी लुटाते रहेंगे,
आखिर में जवान कहता है बस यही बात
हमारी परवाह करो ना करो
हम अपना कर्तव्य निभाते रहेंगे।

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