बढ़ता प्रदषण, रूकती सांसे

बढ़ता प्रदषण, रूकती सांसे


बढ़ता प्रदूषण रूकती सांसो का कारण बन रहा है। शहरीकरण और औद्योगीकरण से वायु गुणवत्ता में अत्यधिक कमी आयी है। विश्वभर में लाखों मौतें प्रदूषण से प्रतिवर्ष होती हैं,  इसमें सबसे ज्यादा मौतें भारत में होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन, डब्ल्यूएचओ के अनुसार भारत की राजधानी दिल्ली विश्व के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में से एक है। सर्वेक्षण बताते है कि वायू प्रदूषण से देश में प्रतिवर्ष होने वाली मौतों के औसत से, दिल्ली में प्रतिवर्ष अधिक मृत्यू होती है। जैसा कि सब जानते हैं कि आजकल दिल्ली में इतना प्रदूषण है की लोग मास्क पहनने पर मजबूर हैं। कुछ समय में पूरे देश के यही हालात होंगे यदि इस पर समय रहते काबू न पाया जाए। हमारे लिए प्रदूषण की रोकथाम उतना ही जरूरी है जितना कि सांस लेना जरूरी है।
प्रदूषण के कुछ मुख्य कारण
 प्रदूषण के कुछ मुख्य कारण है जिनके जिम्मेदार हम ही लोग हैं। जिनके लिए समय रहते सक्रिय होना आवश्यक है। जैसे की
  •   शहरों में बढ़ती डीजल व पेट्रोल गाडियां
  • लोगों का कहीं पर भी कूड़ा जलाना
  •   फैक्ट्रीयों से निकलता धुंआ जो कि बहुत ही हानिकारक होता है
  • नदियों में कूड़ा डाल देना
  • वहीं जब धान की फसल कटने का समय आता है तो किसान उससे निकली पुआल को जला देता है आदि ऐसै ही और भी लापरवहियां है।                               
प्रदूषण रोकने के कुछ उपाय

प्रदूषण रोकने के लिए हमें ही कुछ कदम उठाने चाहिए जैसे की
  •  हमें डीजल कारों का प्रयोग न कर कंप्रेस्ड नेचुरल गैस, सीएनजी वाहनों का प्रयोग करें
  • कूड़ा जलाने के बजाय कूड़े वाले को दें
  • नदियों में विसर्जन के नाम पर कूड़ा न डालें
  •  किसान धान की फसल से निकली पुआल को मशीनों कि मदद से वहीं दोबारा खेतों में जोतवा सकता है पर ऐसा करना उन्हें बहुत महंगा पड़ेगायह सोच कर वह उस पुआल को जलाना ही बेहतर समझते हैं।
·        
 ऐसे ही कुछ कदम हर व्यक्ति उठाए तो हर कोई प्रदूषण रोकने में अपना सहयोग दे सकता है। यह बढ़ता प्रदूषण आने वाले भविष्य के पतन का कारण भी बन रहा है। इसके लिए जागरूक होना और दूसरों को जागरूक करना दोनों ही अति आवष्यक हैं। नहीं तो इसमें कोई दोराय नहीं है कि पृथ्वी अपने निर्धारित समय से पहले ही नष्ट हो जाएगी।  प्रदूषण के कारण आज समाज में लगभग हर कोई , छोटे बच्चे व बड़े अस्थमा व अन्य तरह की बिमारियों से घिरा हुआ है। जिससे कि लोगों के लिए आम जीवन जीना अब आसान नही रह गया है।

क्या करें 

प्रदूषण से बचने के लिए सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए यह तो हर कोई बता देता है पर वह खुद क्या कर सकते है ? इस पर तो कोई ध्यान ही नहीं देता है , यह सवाल हर किसी को अपने आप से भी करना चाहिए कि आपने क्या किया है ? तो शायद कुछ समझ आ जाए। अपने देश में लोग तरह - तरह के रिकार्ड तो बनाते है पर आजतक ऐसा कोई रिकार्ड नहीं बना जिसमें यह कहा जा सके कि इस शहर में प्रदूषण नहीं है या यह शहर सबसे कम प्रदूषित शहरों में से एक है। अगर कुछ प्रयास आप स्वयं करें तो आप बहुत हद तक प्रदूषण से बच सकते हैं।

No comments:

Post a Comment

जिंदगी के अनमोल रिश्ते

जन्म होते ही बनते रिश्ते जिंदगी के अनमोल रिश्ते पालने में झुलता बचपन नए रिश्ते संजोता बचपन औलाद बनकर जन्म लिया संग कई रिश्तों को जन्म द...